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Mere Mehboob Na Jaa, Aaj Ki Raat Na Jaa Song Detail

Song : Mere Mehboob Na Jaa, Aaj Ki Raat Na Jaa Album : Noor Mahal (1965)  Singer : Suman Kalyanpur  Musician : Jani Babu Qawwal  Lyricist : Saba Afghani  मेरे महबूब न जा,  ना जा ना जा मेरे महबूब न जा,  आज की रात न जा होने वाली है सहर,  थोड़ी देर और ठहर मेरे महबूब न जा ...  देख कितना हसीन मौसम है  हर तरफ़ इक अजीब आलम है  जलवे इस तरह आज निखरे हैं  जैसे तारे ज़मीं पे बिखरे हैं,  मेरे महबूब ...  मैंने काटें हैं इन्तज़ार के दिन  तब कहीं आये हैं बहार के दिन  यूँ ना जा दिल कि शमा गुल कर के  अभी देखा नहीं है जी भर के,  मेरे महबूब ...  जब से ज़ुल्फ़ों की छाँव पाई है  बेक़रारी को नींद आई है  इस तरह मत जा यूँही सोने दे  रात ढलने दे सुबह होने दे,  मेरे महबूब ...  इस तरह फेर कर नज़र मुझ से  दूर जाएगा तू अगर मुझसे  चाँदनी से भी आग बरसेगी  शम्मा भी रोशनी को तरसेगी,  मेरे महबूब ...  धड्कनों में यही तराने हैं  तेरे रुकने के सौ बहाने हैं  मेरे दिल की ज़रा सदा सुन ले  प्यासी नज़रों की इल्तजा सुन ले,  मेरे महबूब न जा,  ना जा ना
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इन्सान बनो कर लो भलाई का कोई काम - SONG BAIJU BAWRA

निर्धन का घर लूटने वालों लूट लो दिल का प्यार प्यार वो धन है जिसके आगे सब धन है बेकार इन्सान बनो, इन्सान बनो करलो भलाई का कोई काम इन्सान बनो दुनिया से चले जाएगा रह जाएगा बदनाम इन्सान बनो इस बाग में सूरज भी निकलता है लिये ग़म फूलों की हँसी देख के रो देती है शबनम कुछ देर की खुशियाँ हैं तो कुछ देर का मातम किस नींद में हो … किस नींद में हो जागो ज़रा देख लो अन्जाम, इन्सान बनो लाखों यहाँ शान अपनी दिखाते हुए आये दम भर को रहे नाच गये धूप में साये वो भूल गये थे के ये दुनिया है सराय आता है कोई … आता है कोई सुबह को जाता है कोई शाम, इन्सान बनो क्‌यों तुमने बिछाये हैं यहाँ ज़ुल्म के डेरे धन साथ न जायेगा बने क्‌यों हो लुटेरे पीते हो गरीबों का लहू शाम सवेरे खुद पाप करो … खुद पाप करो नाम हो शैतान का बदनाम, इन्सान बनो

ज़रा सामने तो आओ छलिये SONG जनम जनम के फेरे

ज़रा सामने तो आओ छलिये छुप छुप छलने में क्या राज़ है यूँ छुप ना सकेगा परमात्मा मेरी आत्मा की ये आवाज़ है हम तुम्हें चाहे तुम नहीं चाहो ऐसा कभी नहीं हो सकता पिता अपने बालक से बिछुड़ से सुख से कभी नहीं सो सकता हमें डरने की जग में क्या बात है जब हाथ में तिहारे मेरी लाज है यूँ छुप ना सकेगा परमात्मा मेरी आत्मा की ये आवाज़ है ज़रा सामने तो आओ छलिये प्रेम की है ये आग सजन जो इधर उठे और उधर लगे प्यार का है ये क़रार जिया अब इधर सजे और उधर सजे तेरी प्रीत पे बड़ा हमें नाज़ है मेरे सर का तू ही सरताज है यूँ छुप ना सकेगा परमात्मा मेरी आत्मा की ये आवाज़ है ज़रा सामने तो आओ छलिये

ऐ मालिक तेरे बन्दे हम SONG दो आँखें बारह हाथ (1957)

ऐ मालिक तेरे बन्दे हम ऐसे हों हमारे करम नेकी पर चलें और बदी से टलें ताकि हंसते हुए निकले दम ये अंधेरा घना छा रहा तेरा इंसान घबरा रहा हो रहा बेखबर, कुछ न आता नज़र सुख का सूरज छुपा जा रहा है तेरी रोशनी में जो दम तो अमावस को कर दे पूनम नेकी पर चलें और बदी से टलें ताकि हंसते हुए निकले दम जब ज़ुल्मों का हो सामना तब तू ही हमें थामना वो बुराई करें, हम भलाई भरें नहीं बदले की हो कामना बढ़ उठे प्यार का हर कदम और मिटे बैर का ये भरम नेकी पर चलें और बदी से टलें ताकि हंसते हुए निकले दम बड़ा कमज़ोर है आदमी अभी लाखों हैं इसमें कमी पर तू जो खड़ा, है दयालू बड़ा तेरी किरपा से धरती थमी दिया तूने हमें जब जनम तू ही झेलेगा हम सबके ग़म नेकी पर चलें और बदी से टलें ताकि हंसते हुए निकले दम

Song ऐ मेरी ज़ोहरा-ज़बीं WAQT वक्त

ऐ मेरी ज़ोहरा-ज़बीं तुझे मालूम नहीं तू अभी तक है हंसीं और मैं जवाँ तुझपे क़ुरबान मेरी जान मेरी जान ऐ मेरी… ये शोखियाँ ये बाँकपन जो तुझ में है कहीं नहीं दिलों को जीतने का फ़न जो तुझ में है कहीं नहीं मैं तेरी मैं तेरी आँखों में पा गया दो जहाँ ऐ मेरी… तू मीठे बोल जान-ए-मन जो मुस्कुरा के बोल दे तो धडकनों में आज भी शराब ऐ  रंग घोल दे ओ सनम ओ सनम मैं तेरा आशिक़-ए- जाबिदा ऐ मेरी…

WAQT ( 1965 )

लाला केदारनाथ नगर के एक संपन्न व्यपारी है जो अपने तीन पुत्रो (राजू, बबलू, मुन्ना) व पत्नी के साथ सुखमय जीवन व्यतीत कर रहे होते है। एक बार अपने पुत्रो के जन्म समारोह में उनकी मुलाकात एक ज्योतिषाचार्य से होती है जो उन्हे वक़्त की अहमियत बतलाते है, परंतु केदारनाथ उनके तर्क को अस्वीकृत कर अपनी मेहनत को ही सर्वश्रेष्ठ बताते है और अपने तीनो पुत्रो के भविष्य को स्वंय बनाने की घोषणा करते है। उसी रात एक भीषण भूकंप में उनका घर-बार सब नष्ट हो जाता है तथा वे अपने परिवार से बिछुड जाते है, परिवार की तलाश में केदारनाथ से अनजाने में एक कत्ल हो जाता है और वे जेल चले जाते है। वक़्त के साथ तीनो पुत्र बडे होते है ज्येष्ठ पुत्र राजा (राजू) एक चोर बन जाता है जो चिनॉय सेठ के लिए काम करता है, मंझला रवि (बबलू) एक संपन्न दंपत्ति को मिलता है जहाँ वह अच्छी परवरिश पाकर एक वकील बनता है और छोटा पुत्र विजय (मुन्ना) अपनी माँ के साथ गरीबी में जीवन व्यतीत करता है तथा स्नातक होने के पश्चात भी ड्राइवर की नौकरी करता है। कई रोमांचक मोड से गुजरती हुई कहानी एक बार फिर बिछुडे हुए परिवार को मिला देती है। अंत में लाला क

Aradhana (1969 )

Originally released in Hindi and dubbed in Bengali, Aradhana's huge success gave way to two remakes, both starring Vanisri in Sharmila Tagore's role: the Tamil film Sivakamiyin Selvan (1974) and the Telugu film Kannavari Kalalu (1974). Roop Tera Mastana Baghon Mein Bahar Hai Chanda Hai Tu Mera Suraj Hai Tu Mere Sapno Ki Rani Gun Guna Rahe Hai Bhanvare Kora Kagaz Tha Yeh Man Mera Saphal Hogi Teri Aradhana